यह संकलन एक भावनात्मक यात्रा है, जहाँ शब्दों के माध्यम से हम अपने पिताओं से वे बातें कह सकते हैं जो अक्सर अनकही रह जाती हैं। यह एक ऐसा मंच है जहाँ लेखक अपने भाव, स्मृतियाँ, आभार, पछतावा, प्रेम या जीवन के सबक– सब कुछ एक पत्र के रूप में पिरो सकते हैं।
इस संकलन में हमने आमंत्रित किया है:
अपने पिता को समर्पित व्यक्तिगत पत्र
पिताजी के साथ बिताए क्षणों की यादें
वह सब जो कभी कह न पाए – मन की बात
काल्पनिक या वास्तविक पत्र, जो दिल से निकले हैं
यह पत्र आभार के हैं, पश्चाताप के, प्रेम के, सीख के या बस संवाद के।