“माँ… एक एहसास” एक ऐसा भावनात्मक संग्रह है जो माँ के अस्तित्व, ममता और उसकी निस्वार्थ प्रेम को शब्दों में संजोता है। यह पुस्तक सिर्फ माँ के बारे में नहीं है, बल्कि उन अनगिनत लम्हों का प्रतिबिंब है जो माँ के साथ जीए जाते हैं- उसकी लोरी, उसकी चिंता, उसका स्पर्श, और उसकी चुप दुआएँ। माँ एक रिश्ता नहीं, एक अनुभव है जो हर दिल की गहराई में छुपा होता है। चाहे हम कितनी भी दूर चले जाएँ, माँ की ममता हर मोड़ पर हमारा साथ निभाती है। इस पुस्तक में कविताओं, विचारों और भावनाओं के माध्यम से उस एहसास को जीवंत किया गया है जिसे हम “माँ” कहते हैं। यह किताब हर पाठक को उसकी अपनी माँ की यादों से जोड़ देगी- कभी मुस्कान के साथ, तो कभी नम आँखों के साथ
माँ… एक एहसास
₹311.00
“माँ… एक एहसास” एक ऐसा भावनात्मक संग्रह है जो माँ के अस्तित्व, ममता और उसकी निस्वार्थ प्रेम को शब्दों में संजोता है। यह पुस्तक सिर्फ माँ के बारे में नहीं है, बल्कि उन अनगिनत लम्हों का प्रतिबिंब है जो माँ के साथ जीए जाते हैं- उसकी लोरी, उसकी चिंता, उसका स्पर्श, और उसकी चुप दुआएँ। माँ एक रिश्ता नहीं, एक अनुभव है जो हर दिल की गहराई में छुपा होता है। चाहे हम कितनी भी दूर चले जाएँ, माँ की ममता हर मोड़ पर हमारा साथ निभाती है। इस पुस्तक में कविताओं, विचारों और भावनाओं के माध्यम से उस एहसास को जीवंत किया गया है जिसे हम “माँ” कहते हैं। यह किताब हर पाठक को उसकी अपनी माँ की यादों से जोड़ देगी- कभी मुस्कान के साथ, तो कभी नम आँखों के साथ
Weight | 0.200 kg |
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Dimensions | 15 × 1 × 21 cm |