पुस्तक “नारी का रामराज्य कब होगा” में कवि ने पौराणिक कथाओं, रामायण, महाभारत के साथ ही साथ वर्तमान समय में नारी की वास्तविक स्थिति का चित्रण किया गया है। सीता के माध्यम से स्थिति स्पष्ट करते हुए दसरथ,सिरध्वज जनक, रावण, राम आदि से प्रश्न किया गया है। मुख्य प्रश्न यहीं है कि राम के राज्याभिषेक के पश्चात् अवध में रामराज्य स्थापित तो हो गया परन्तु नारियों की स्थिति में कोई खास फर्क नहीं पड़ा। यहां तक कि सीता को परित्यकता बनकर वनवास झेलना पड़ा। इसलिए सीता यह प्रश्न करती है कि “नारी का रामराज्य कब होगा ” ।
अनुषंगी कविताओं में कौशल्या, सुमित्रा, श्रुति कीर्ति, मांडवी, सुलोचना, सुर्पनखा, त्रिजटा, मंदोदरी आदि का वर्णन किया गया है।
महाभारत में, द्रौपदी के माध्यम से कवि विभिन्न प्रश्न द्रुपद, द्रोण, भीष्म, कुंती आदि से किया गया है और यथासंभव उसका उत्तर देने का प्रयास किया गया है।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आज की नारी, सशक्त नारी, पहले शिक्षा फिर कन्यादान, मैं नारी हूं, नारी का श्रापित जीवन और आज की भारतीय नारी नामक कविताओं के माध्यम से नारी की वास्तविक स्थिति दर्शाने का प्रयास किया गया है।