व्यक्ति एक चेहरे अनेक

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व्यक्ति एक, चेहरे अनेक: पुस्तक का शीर्षक किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं है, अपितु आज की पीढ़ी के लिए पूर्णतः उचित है। क्योंकि यहाँ एक ही व्यक्ति दोहरे नकाब लगाए फिरता है। फिर चाहे वह कोई भी रिश्ता क्यों न हो। सभी रिश्तों में आजकल यही चलता है। लोग इंसान को खिलौना समझते हैं, जब मन आया खेला और फेंक दिया। कल एक नया खिलौना फिर उनके लिए तैयार होगा। क्योंकि नजर बदली जा सकती है, मगर नजरिया नहीं..!!

Author: ClochardPratiksha Sharma

व्यक्ति एक, चेहरे अनेक: पुस्तक का शीर्षक किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं है, अपितु आज की पीढ़ी के लिए पूर्णतः उचित है। क्योंकि यहाँ एक ही व्यक्ति दोहरे नकाब लगाए फिरता है। फिर चाहे वह कोई भी रिश्ता क्यों न हो। सभी रिश्तों में आजकल यही चलता है। लोग इंसान को खिलौना समझते हैं, जब मन आया खेला और फेंक दिया। कल एक नया खिलौना फिर उनके लिए तैयार होगा। क्योंकि नजर बदली जा सकती है, मगर नजरिया नहीं..!!

Weight 0.250 kg
Dimensions 15 × 1 × 21 cm