“अनगिनत चेहरे और अनकही कहानियाँ”
एक समाजिक प्रतिबिंब
हर चेहरा एक कहानी है- कुछ कहता है, कुछ छुपाता है। समाज की भीड़ में अक्सर वे कहानियाँ खो जाती हैं, जो सबसे ज़्यादा कहने लायक होती हैं। “अनगिनत चेहरे और अनकही कहानियाँ” इसी खामोश समाज की आवाज़ बनने की एक कोमल कोशिश है।